घर को कबाड़ी की दुकान बनाने पर होता है दरिद्रता का वास: सुधांशु महाराज
देहरादून। रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग के दूसरे दिन लोक विख्यात संत सुधांशु जी ने घर में लक्ष्मी के स्थाई वास के सूत्र बताते हुए कहा घर को कबाड़ी की दुकान बनाने पर दरिद्रता का वास होगा। इसलिए घर की हर चीज को व्यवस्थित रखना जरूरी है। उन्होंने आठ तरह की लक्ष्मी विद्या, योग, संतान, भोग, राजयोग, काम लक्ष्मी, अमृत लक्ष्मी की व्याख्या करते हुए कहा भगवान ने हमें बीज दिए हैं उन्हें ट्यून हमने करना है। सत्कर्म करेंगे तो भगवान की कृपा प्राप्त होगी।
नारायण और नारायणी की कृपा से जीवन का कल्याण
उन्होंने कहा नारायण और नारायणी दोनों की कृपा हो जाए तो जीवन का कल्याण होगा। श्री सुधांशु जी महाराज ने मंदिर अथवा सत्संग में निर्मल मन और सहज होकर जाना चाहिए। जिस बर्तन कुछ भरना है पहले उसको खाली करेंगे तभी वह भरेगा, उसी प्रकार मन में भगवान को आसन देने के लिए मन को विषय विकारों से खाली पड़ेगा। भगवान को छल फरेब पसंद नहीं है।
चिंता तनाव में नहीं होती भगवान की भक्ति
उन्होंने मौत को दावत सबसे बड़ा डर बताते हुए कहा डर के कारण चिंता आती है जो दीमक की तरह अंदर से खोखला कर देती है। उन्होंने कहा चिंता तनाव में भगवान की भक्ति नहीं होती। उन्होंने जब तक हम भगवान की कृपा पाने के पात्र नहीं बनेंगे, कृपा से वंचित रहेंगे, कृपा मिल भी गई तो वह टिकेगी नहीं। सुधीर शर्मा, मनोज शास्त्री, प्रेम भाटिया, तेज कुमार, आचार्य कुलदीप पाण्डेय, आचार्य महेश शर्मा, भूपेंद्र चड्ढा आदि रहे।
भगवान और गुरु का है अटूट रिश्ता
सुधांशु महाराज ने प्रार्थना का महत्व बताते हुए कहा प्रार्थना शब्दों का खेल ना होकर परमात्मा से मिलने का मेल है। प्रार्थना दिल की पुकार है जो भगवान तक पहुंचती है। उन्होंने सब रिश्तों से ऊंचा भगवान और गुरु बताते हुए कहा सब रिश्ते टूट जाते है लेकिन भगवान और गुरु का अटूट रिश्ता है।
More Stories
श्री त्रियुगीनारायण के बाद उषा- अनिरूद्ध विवाह मंडप भी बना वेडिंग डेस्टिनेशन
श्री त्रियुगीनारायण के बाद उषा- अनिरूद्ध विवाह मंडप भी बना वेडिंग डेस्टिनेशन
कांग्रेस के लिए रामलला नहीं बाबर की मजार रही आस्था का केन्द्र: महाराज*